लगभग डेढ़ माह
की चुप्पी के
बाद अचानक सिद्धू
की ओर से
आई ‘गुगली’ ने
आप और कांग्रेस
को पूरी तरह
से बोल्ड कर
दिया। सिद्धू के
नए पैंतरे से
जहां आप और
कांग्रेस चुप हैं,
वहीं शिअद प्रसन्न
नजर आ रहा
है। शिअद को
उम्मीद है कि
नए समीकरण में
उसे लाभ ही
होगा। सिद्धू के
अलावा ओलंपियन परगट
सिंह और लुधियाना
में अच्छा खासा
आधार रखने वाले
बैंस बंधुओं की
चौकड़ी ने आवाज-ए-पंजाब
से प्रदेश के
चुनावी दंगल को
रोचक बना दिया।
यदि आवाज-ए-पंजाब कुछ हद
तक भी अपने
मिशन में कामयाब
हो जाती है
तो आगामी विधानसभा
चुनाव चतुष्कोणीय बन
जाएगा। शिअद माहिरों
का कहना है
कि सिद्धू को
इसका अहसास हो
गया था कि
पंजाब में आम
आदमी पार्टी का
आधार कम होता
जा रहा है
और आप के
साथ उसका भविष्य
अच्छा नहीं है,
इसलिए उन्होंने नई
पार्टी के साथ
लक्ष्य हासिल करने की
ठानी।
दूसरी तरफ आम
आदमी पार्टी जो
कहा करती थी
कि किसी पार्टी
के निकले गए
नेता को आप
में स्थान नही
दिया जाएगा। लेकिन
चड़ीगढ़ में कांग्रेस
के बागी नेता
जगमीत सिंह बराड़
ने बाहरी तौर
पर आप को
समर्थन देना शुरू
कर दिया है।
जब इस बारे
में जगमीत ने
बताया तो उस
दौरान उनके साथ
घुग्गी ,संजय ,और भी
कई नेता मौजूद
थे।
लेकिन अब केजरीवाल
पंजाब दौरे पर
आने वाले है।
सितम्बर 11 को पंजाब
के मोगा में
किसान मेनिफेस्टो जारी
करेंगे। वहीँ 8 सितम्बर से
11 सितम्बर तक राजनीति
में काफी कुछ
बदलाब होगा। आठ
को नवजोत सिंह
सिद्धू करेंगे पत्रकार वार्ता
- नई पार्टी का
भी हो सकता
है एलान। 9 को
एच एस किंगरा
औपचारिक तौर पर
नए फ्रंट का
एलान करेंगे। 8- 11 को
पंजाब में करेजरीवाल
आएँगे और इस
सब के द्वारा
खड़े किए गए
सवालों के जवाबों
में घिरेंगे।
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