लक्ष्य 256: चुनाव से पहले दल-बदल शुरू
उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर दल बदल और जोड़-तोड़ की राजनीति ने अब जोर पकड़ ली है।विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे करीब आ रहे हैं, विधायक हवा का रूख भांपते हुए अपना फायदा-नुकसान देखकर पाला बदलने में लग गए हैं. जानकारी के अनुसार, बसपा, सपा और कांग्रेस के 8 विधायक गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए हैं। यूपी में इसे बीजेपी का मास्टर स्ट्रोक कहा जाने लगा है। यूपी बीजेपी अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने इन विधायकों का पार्टी में स्वागत किया है।
जानकारी के अनुसार, बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के 2, समाजवादी पार्टी
(सपा) के 3 और कांग्रेस पार्टी के 3 विधायक आज लखनऊ में भारतीय जनता पार्टी
में शामिल हुए हैं। कांग्रेस के संजय जायसवाल, शेर बहादुर और विजय, बसपा
के राजेश त्रिपाठी और बाला प्रसाद अवस्थी और सपा के रामपाल यादव बीजेपी
में शामिल होने वाले विधायकों में शामिल हैं।
विधायकों पर पहले ही से बागी का ठप्पा
बीजेपी में शामिल होने वाले ज्यादातर विधायकों पर पहले ही से बागी का ठप्पा लगा हुआ है। इनमें से कई ऐसे भी हैं जिन्हें उनकी पार्टियां पहले ही दरकिनार कर चुकी है। अलग-अलग पार्टियों के इन विधायकों के बीजेपी का दामन थामने के बाद पार्टी में उत्साह बना हुआ है।
छह में से तीन विधायक ब्राह्मण
बीजेपी इस बार सवर्णों को साथ जोड़ने के लिए पूरी ताकत लगा रही है और गुरुवार को बीजेपी में शामिल होने वाले छह विधायकों में से तीन ब्राह्मण हैं.
पीएम मोदी पर भरोसा, मायावती पर आरोप
समाजवादी पार्टी को छोड़ने वाले शेर बहादुर अंबेडकरनगर से विधायक हैं. इन सभी लोगों ने बीजेपी में शामिल होने के बाद ऐलान किया कि उन्हें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी में भरोसा है और वो मानते हैं कि अब सिर्फ बीजेपी ही उत्तर प्रदेश का भला कर सकती है. बीएसपी को छोड़ने वाले विधायकों ने एक बार फिर मायावती पर टिकट के बदले पैसे वसूलने का आरोप जड़ा.
माया के दलित-मुस्लिम गठजोड़ को झटका
इससे पहले बुधवार को ही चार विधायकों ने कांग्रेस और समाजवादी पार्टी को छोड़कर बीएसपी में शामिल होने का ऐलान किया था. खास बात ये है कि मायावती इस बार यूपी जीतने के लिए दलित और मुस्लिम गठजोड़ पर दांव लगा रही हैं और बुधवार को बीएसपी में शामिल होने वाले चारों विधायक मुस्लिम थे. कांग्रेस छोड़कर बीएसपी में शामिल होने वाले मोहम्मद मुस्लिम तो अमेठी से विधायक हैं जो राहुल गांधी का चुनाव क्षेत्र है. नवाब काजिम अली और दिलनवाज खान भी कांग्रेस छोड़कर बीएसपी में शामिल हुए जबकि नवाजिश अली खान ने समाजवादी पार्टी की साइकिल से उतर कर मायावती के हाथी पर बैठने का फैसला किया.
टिकट की उम्मीद नहीं, इसलिए...
हर पार्टी, दल बदलू विधायकों को शामिल कराने के बाद ये दावा कर रही है कि अब यूपी में बस उसी ही हवा चल रही है. लेकिन सच्चाई ये है कि चुनाव के ठीक वही विधायक दलबदल कर रहे हैं जिन्हें या अपनी पार्टी में टिकट मिलने की उम्मीद नहीं है, या तो वो किनारे कर दिए गए हैं या फिर एमएलसी के चुनाव में क्रॉस वोटिंग करने की वजह से उनपर पहले ही कार्रवाई हो चुकी है और वो बागी घोषित हो चुके हैं.
उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर दल बदल और जोड़-तोड़ की राजनीति ने अब जोर पकड़ ली है।विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे करीब आ रहे हैं, विधायक हवा का रूख भांपते हुए अपना फायदा-नुकसान देखकर पाला बदलने में लग गए हैं. जानकारी के अनुसार, बसपा, सपा और कांग्रेस के 8 विधायक गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए हैं। यूपी में इसे बीजेपी का मास्टर स्ट्रोक कहा जाने लगा है। यूपी बीजेपी अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने इन विधायकों का पार्टी में स्वागत किया है।

विधायकों पर पहले ही से बागी का ठप्पा
बीजेपी में शामिल होने वाले ज्यादातर विधायकों पर पहले ही से बागी का ठप्पा लगा हुआ है। इनमें से कई ऐसे भी हैं जिन्हें उनकी पार्टियां पहले ही दरकिनार कर चुकी है। अलग-अलग पार्टियों के इन विधायकों के बीजेपी का दामन थामने के बाद पार्टी में उत्साह बना हुआ है।
छह में से तीन विधायक ब्राह्मण
बीजेपी इस बार सवर्णों को साथ जोड़ने के लिए पूरी ताकत लगा रही है और गुरुवार को बीजेपी में शामिल होने वाले छह विधायकों में से तीन ब्राह्मण हैं.
पीएम मोदी पर भरोसा, मायावती पर आरोप
समाजवादी पार्टी को छोड़ने वाले शेर बहादुर अंबेडकरनगर से विधायक हैं. इन सभी लोगों ने बीजेपी में शामिल होने के बाद ऐलान किया कि उन्हें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी में भरोसा है और वो मानते हैं कि अब सिर्फ बीजेपी ही उत्तर प्रदेश का भला कर सकती है. बीएसपी को छोड़ने वाले विधायकों ने एक बार फिर मायावती पर टिकट के बदले पैसे वसूलने का आरोप जड़ा.
माया के दलित-मुस्लिम गठजोड़ को झटका
इससे पहले बुधवार को ही चार विधायकों ने कांग्रेस और समाजवादी पार्टी को छोड़कर बीएसपी में शामिल होने का ऐलान किया था. खास बात ये है कि मायावती इस बार यूपी जीतने के लिए दलित और मुस्लिम गठजोड़ पर दांव लगा रही हैं और बुधवार को बीएसपी में शामिल होने वाले चारों विधायक मुस्लिम थे. कांग्रेस छोड़कर बीएसपी में शामिल होने वाले मोहम्मद मुस्लिम तो अमेठी से विधायक हैं जो राहुल गांधी का चुनाव क्षेत्र है. नवाब काजिम अली और दिलनवाज खान भी कांग्रेस छोड़कर बीएसपी में शामिल हुए जबकि नवाजिश अली खान ने समाजवादी पार्टी की साइकिल से उतर कर मायावती के हाथी पर बैठने का फैसला किया.
टिकट की उम्मीद नहीं, इसलिए...
हर पार्टी, दल बदलू विधायकों को शामिल कराने के बाद ये दावा कर रही है कि अब यूपी में बस उसी ही हवा चल रही है. लेकिन सच्चाई ये है कि चुनाव के ठीक वही विधायक दलबदल कर रहे हैं जिन्हें या अपनी पार्टी में टिकट मिलने की उम्मीद नहीं है, या तो वो किनारे कर दिए गए हैं या फिर एमएलसी के चुनाव में क्रॉस वोटिंग करने की वजह से उनपर पहले ही कार्रवाई हो चुकी है और वो बागी घोषित हो चुके हैं.
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