लक्ष्य68 :- मंज़िल दूर लेकिन अभी से प्रस्थान
हिमाचल प्रदेश में विधान सभा चुनावो को लेकर अभी वक़्त है लेकिन अभी से ही
पंजाब की सरगर्मियों को देखते हुए मंज़िल को तरफ राजनेताओं ने कदम बढ़ा दिए हैं।बता
दें कि हिमाचल प्रदेश विधान सभा शिमला में स्थित है। (हिमाचल प्रदेश विधानसभा
एकसदनीय है।2008 के परिसीमन के बाद से
हिमाचल प्रदेश विधानसभा के लिए कुल 68 सीटों पर चुनाव होते हैं । 17 निर्वाचन क्षेत्र अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित हैं और 3 निर्वाचन क्षेत्र अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित हैं। नवम्बर
2012 मे कांग्रेस ने राज्य का विधानसभा चुनाव जीता। वीरभद्र सिंह राज्य के
मुख्यमंत्री बने।कांग्रेस(36),भाजपा (26), निर्दलीय,
एवं अन्य (6) साथ ही ये भी बता दें की
हिमाचल में लोक सभाकी 4, राज्य सभा3 )2017 नवम्बर में अब हिमाचल
में विधान सभा चुनाव होने है।
लेकिन हिमाचल प्रदेश विधानसभा के चुनाव 2017 में नहीं बल्कि 2016 में ही हो जाएंगे। यह दावा सांसद अनुराग ठाकुर ने हरोली में भाजपा के
प्रशिक्षण शिविर के दौरान पत्रकारों से बात करते हुए किया।इससे पहले पूर्व
मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल भी बार- बार ये दावा कर चुके है कि राज्य में सरकार
टिक नहीं पाएगी और तय समय से पहले ही राज्य में नई सरकार बन जायेगी। प्रोफेसर प्रेम कुमार धूमल के द्वारा दिए गए इस
बयान पर राज्य के मुख्यमंत्री तंज़ कसते हुए कहा था - धूमल पंडित ही होंगे जो
उन्होंने भविष्य वाणी कर दी। हिमाचल राज्य में मुख्यमंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री
के बीच इस ( 2017 से पहले चुनाव होना )
पर भी काफी दिनों तक जुबानी जंग जारी रही थी।
वर्तमान में सियासी समीकरण बदलने की पूरी उम्मीद है क्योंकि राजा वीरभद्र सिंह
का पूरा परिवार घर से बाहर है यानि दिल्ली में आए महीने ईडी के सामने आय से अधिक
सम्पति मामले में पेश होता है। तो उधर हिलोपा प्रमुख और कुल्लू के विधायक महेश्वर
सिंह भाजपा का दामन थाम सकते है ,ऐसी चर्चाएं शुरू हो चुकी है। लेकिन इस बात का खुलासा अभी हिलोपा प्रमुख और
कुल्लू के विधायक महेश्वर सिंह ने नहीं किया है। हिलोपा सुप्रीमो की 14 अगस्त को भाजपा में वापसी तय मानी जा रही है। अगर ऐसा होता है तो वीरभद्र
सरकार को भविष्य में मुश्किलो का सामना करना पड़ सकता है। तीन बार सांसद और दो बार
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष रहने वाले महेश्वर सिंह को बीजेपी में एक साधारण कार्यकर्ता
के रूप में शामिल किया जा रहा है या कोई विशेष पद मिलेगा अभी ये भी स्पष्ट नहीं
है- लेकिन हिलोपा के सम्बन्ध में आला कमान
की हरी झंडी को नड्डा फेक्टर के रूप ने देखा जा रहा है।
कयास ये भी लगाए जा रहे है कि हिलोपा के भाजपा के विलय सहित राज्य के अन्य मुद्दों
पर चर्चा के प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतपाल सिह सत्ती( 9
अगस्त ) दिल्ली दौरे पर थे। इस दौरे
के दौरान सत्ती के द्वारा कई वरिष्ठ भाजपा नेताओं से चर्चा की गई। वहीँ आपको ये भी
बता दें की इसी दिन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह द्वारा कोंग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गाँधी से मुलाकात की
गई है। जिस दौरान प्रदेश के हलातों के
बारे में राहुल गाँधी को वीरभद्र सिंह
द्वारा अवगत करवाया गया है। हिमाचल में साल भर पहले ही चुनावों को लेकर चर्चाएं
शुरू हो गई है ,लेकिन वर्तमान में
कांग्रेस का ध्यान पंजाब और यूपी की तरफ है। क्योंकि इन दोनों ही राज्यों में
कांग्रेस को कड़ी टक्कर देने के लिए मोदी लहर और आप का झाड़ू है। बहरहाल अभी
कांग्रेस हिमाचल प्रदेश की तरफ कोई ध्यान नहीं देना चाहती।सारा का सारा ध्यान
पंजाब की और लगाना चलती है।

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