"जो कोई भी ब्यक्ति मेरी पत्नी को ढूंढ कर लाएगा में उसको 11 लाख रुपये इनाम में दूंगा। सरकार तो पशुओं को भी ढूंढ लेती है हमारा आग्रह है की हमारी पत्नी
से हमको मिलाओ।" ये पीड़ा है अलीगढ के उस नौजवान की जिसने घरवालों की मर्जी के बिना प्रेम विवाह किया।
अलीगढ के कस्बा खैर के रहने वाले सुशील कुमार पढ़ाई लिखाई में काफी तेज था। वह 2008 में पास के ही गाँव में 12th में पढ़ने वाली अंजू को ट्यूशन पढ़ाने जाया करता था। ट्यूशन पढ़ते पढ़ाते अंजू और सुशील दोनों नजदीक आ गए।
दोनों के बीच प्यार का सफर चालू हो गया। सुशील ने अंजू को M.Sc.,बीएड भी करवाया। 2008 से शुरू हुआ प्यार का सफर 2015 में शादी पर ख़तम हुआ। 18 मार्च 2015 को दोनों ने परिवारों को बिना बताये नॉएडा के आर्य समाज मंदिर में शादी कर ली। इस शादी को दोनों ने 28 जुलाई 2015 को गाजियाबाद रजिस्ट्रार के सामने रजिस्टर भी करा लिया। जब अंजू के परिवार वालों को शादी की भन
क लगी तो उन्होंने दोनों को डराने की कोशिश की। इस पर सुशील ने सुरक्षा के लिए हाई कोर्ट का रुख किया और कोर्ट ने भी 6-08-2015 को सुरक्षा के आदेश दे दिए।
उसके बाद भी दोनों काफी दिनों तक इधर उधर भागते रहे। 24 अप्रैल 2016 को अंजू के घर वाले उसको अपने साथ ये कह कर ले गए की तुम्हारी शादी विधि विधान से करा देंगे।

अलीगढ के कस्बा खैर के रहने वाले सुशील कुमार पढ़ाई लिखाई में काफी तेज था। वह 2008 में पास के ही गाँव में 12th में पढ़ने वाली अंजू को ट्यूशन पढ़ाने जाया करता था। ट्यूशन पढ़ते पढ़ाते अंजू और सुशील दोनों नजदीक आ गए।


उसके बाद भी दोनों काफी दिनों तक इधर उधर भागते रहे। 24 अप्रैल 2016 को अंजू के घर वाले उसको अपने साथ ये कह कर ले गए की तुम्हारी शादी विधि विधान से करा देंगे।
लेकिन 30 अप्रैल 2016 को सुशील को अंजू के घर वालों ने बताया की अंजू की स्वाभाविक मौत हो गई है। जब सुशिल वहां गया तो अंजू के घरवाले उसकी मौत से सम्बंधित कोई दस्तावेज नहीं दिखा सके। सुशील का कहना था की उसकी पत्नी की मौत नहीं हुई बल्कि उसको कहीं गायब कर दिया है। सुशील फिर हाई कोर्ट की शरण में पहुँच गया जहाँ 1 अगस्त की तारीख पर अंजू के घरवालो ने कोर्ट को बताया की अंजू की स्वाभाविक मौत हो चुकी है। कोर्ट ने मामले में 12 सितंबर की तारिख तय की है। आज सुशील ने एसएसपी अलीगढ के सामने अपना पक्ष रखा। एसएसपी ने इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
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