जम्मू के डोडा जिले में एक ऐसा गावं है जहाँ देश में सब से अधिक गूंगे और बहरे बच्चे पैदा होते है लेकिन यहाँ अचम्बे की बात ये है की ये गावं पूर्व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद के पुश्तेनी घर के बिलकुल नज़दीक है लेकिन कई आश्वासनों के बावजूद भी गुलाम नबी आजाद ने स्वास्थ्य मंत्री रेहने के बावजूद भी न तो इन लोगो की सुद्ध ली, न ही इनका इलाज करवाया है और न ही कारणों की जाँच करवाने की कोशिश की है की क्यों सिर्फ इसी गावं में ऐसा हो रहा है.

इशारों से बात करते इन लोगो के मन में बहुत प्रशन है, की कभी ये भी बात कर पायंगे.. ये भी दुसरे लोगो की तरह बोल या सुन सकेंगे.. इन्हें ये बेहद अफ़सोस है की केवल इन लोगो के साथ ही ऐसा क्यों हुआ ?
ये इस गावं में क्यों पैदा हुए ? क्यों केवल इन लोगो को ही राज्य सरकार ने भुला दिया है ?

लेकिन इन के प्रशन इन की जुबान तक नहीं आ पाते क्युकी न तो ये बोल पाते है और न ही सुन पाते है... और ये लोग अगर बोल या सुन पाते और या अपनी बात समझा पाते तो ये सरकार की कमियों को उजागर करते, शायद इसी खौफ के चलते राज्य सरकार ने यहाँ अभी तक गूंगे और बहरों के पड़ने के लिए कोई स्कूल भी मुहया नहीं करवाया है जहा देश के सब से अधिक गूंगे और बहरे एक साथ रहते है..

राज्य सरकार ने सिर्फ आश्वासनों के सिवा कुछ नहीं दिया..अब तो वहां की महिलायों को गर्भ के
समय ये डर सताता है की पेट में पल रहा बच्चा गूंगा या बहरा तो नहीं है...उन्हें लड़का या लड़की होने की चिंता नहीं होती है बल्कि उन्हें मानसिक तौर पर बच्चे के गूंगे या बहरे होने का डर सताने लगता है..
और इस से भी जयादा गंभीर बात ये है की इस गावं से अब लोगो ने शादी करना ही छोड़ दिया है.. अब इस गावं में शादी के लिए न तो बहार की लड़की दी जाती है और न ही शादी के लिए लड़का लिया जाता है..

और इस से भी जयादा गंभीर बात ये है की इस गावं से अब लोगो ने शादी करना ही छोड़ दिया है.. अब इस गावं में शादी के लिए न तो बहार की लड़की दी जाती है और न ही शादी के लिए लड़का लिया जाता है..
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