

इसी तरह आम आदमी पार्टी से निकाले गए दोनों सांसद भी धर्मसंकट में हैं। पहले कहा जा रहा था कि वे आप से अलग हुए समूह से जुड़ेंगे। आप से अलग हुए नेता प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव ने स्वराज अभियान शुरू किया है और दो अक्टूबर को उनकी नई पार्टी का ऐलान होगा। अगर गांधी और खालसा उनसे जुड़ेंगे तो आप को बड़ा नुकसान होगा।
खबर है कि ये दोनों नेता भाजपा से भी बात कर रहे हैं। केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा के साथ जाना उनको ज्यादा फायदेमंद दिख रहा है। लेकिन जानकारों का मानना है कि भाजपा में जाकर वे आप को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा पाएंगे। यह भी खबर है कि कांग्रेस पार्टी के कुछ नेता भी इन दोनों सांसदों के संपर्क में हैं। सिद्धू की तरह ये दोनों सांसद भी तय नहीं कर पा रहे हैं कि किसके साथ जाएं।
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