हरियाणा कमेटी गुरु की गोलक का बेरहमी से दुरुपयोग कर रहा है प्रधान झींडा तुरंत दे इस्तीफा – कमेटी सदस्य
( चंडीगढ़) : हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का समूचा प्रबंधन बुरी तरह से डगमगा गया है। गुरु घरों के प्रबंधों में भारी गिरावट आ चुकी है तथा धर्म प्रचार और शिक्षा का क्षेत्र पूरी तरह विफल हो चुका है। गुरु की गोलक के फंडों का प्रधान जगदीश सिंह झींडा खुलेआम दुरुपयोग कर रहा है। अब तक के सभी प्रधानों में से झींडा सबसे नाकाम प्रधान साबित हुआ है। ऐसे नाकाम प्रधान को अपने पद से तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए।इन विचारों का प्रकटावा आज चंडीगढ़ प्रेस क्लब में आयोजित एक विशेष प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पदाधिकारियों और सदस्यों द्वारा किया गया। इस अवसर पर गुरमीत सिंह रामसर (सीनियर उपप्रधान), गुरबीर सिंह तलाकौर (जूनियर उपप्रधान), जगतार सिंह मान (अंतरिंग सदस्य), तजिंदरपाल सिंह नारनौल (अंतरिंग सदस्य), जत्थेदार बलजीत सिंह दादूवाल (चेयरमैन, धर्म प्रचार), सीनियर सदस्य दीदार सिंह नलवी, राजिंदर सिंह बराड़ा (सदस्य), गुरतेज सिंह अंबाला (सदस्य), मेयर भूपिंदर सिंह पानीपत (सदस्य), स्वर्ण सिंह बुंगा टिब्बी (सदस्य), सरपंच भूपिंदर सिंह लाडी सौंकड़ा (सदस्य प्रतिनिधि – बीबी कपूर कौर सौंकड़ा), भूपिंदर सिंह सैनी (सदस्य प्रतिनिधि – कैप्टन दिलबाग सिंह सैनी) तथा सुखविंदर सिंह मंडेबर (पूर्व जनरल सेक्रेटरी) उपस्थित थे।सभी पदाधिकारियों और सदस्यों ने एक स्वर में कहा कि प्रधान बनने के समय जगदीश सिंह झींडा द्वारा की गई एक भी घोषणा पूरी नहीं की गई। जैसे यूनिवर्सिटी स्कूल खोलने की घोषणा, सिरोपा न देने की घोषणा, गुरुद्वारों की गाड़ियों का निजी उपयोग न करने की घोषणा, कर्मचारियों के साथ दुर्व्यवहार न करने की घोषणा तथा वीआईपी संस्कृति समाप्त करने की घोषणा।इसके उलट आज झींडा स्वयं पतित लोगों को भी केसरिया सिरोपा बांट रहा है। कमेटी की दो गाड़ियों और 12 कर्मचारियों का निजी उपयोग किया जा रहा है। काला दिवस के नाम पर गुरुद्वारों की गोलकों और कर्मचारियों का दुरुपयोग किया गया। बाढ़ पीड़ितों के नाम पर अपना निजी अकाउंट देकर पैसे एकत्र किए गए। 350 साला शताब्दी मनाने के नाम पर फंडों की भारी हेराफेरी की गई।
अच्छी ड्यूटी करने वाले लेकिन मनपसंद न होने के कारण कर्मचारियों को नौकरी से हटाया जा रहा है। निजी रंजिश निकालने के लिए कर्मचारियों के तबादले किए जा रहे हैं। कुछ कर्मचारियों से मिलीभगत कर फंडों का दुरुपयोग किया जा रहा है। शिक्षा क्षेत्र में निसिंग कॉलेज और तिलोकेवाला स्कूल में मनमानी तबादलों के कारण पूरा स्कूल सिस्टम फेल कर दिया गया है।जगदीश सिंह झींडा कमेटी का तानाशाह बना हुआ है। 2 जनरल हाउस और 3 एग्जीक्यूटिव मीटिंगें विफल हो चुकी हैं। झींडा ऐसा पहला प्रधान है जिसने अपना बजट स्वयं फेल करवाया है। झींडा के पूर्व सहयोगी एवं झींडा यूथ ग्रुप के प्रधान भूपिंदर सिंह लाडी द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों में से एक का भी जवाब झींडा नहीं दे सका।सभी पदाधिकारियों और सदस्यों ने कहा कि सरकार द्वारा बनाए गए गुरुद्वारा चुनाव और ज्यूडिशियल कमिशन सफेद हाथी साबित हो रहे हैं। झींडा की प्रधानगी का चुनाव गुरुद्वारा एक्ट 2014 के विरुद्ध हुआ है, जिसे चुनाव आयुक्त एच.एस. भल्ला के समक्ष चुनौती दी गई है, लेकिन 8 महीने बीत जाने के बावजूद भी न्याय नहीं दिया जा रहा।गुरुद्वारा ज्यूडिशियल कमिश्नर दर्शन सिंह जौड़ा ने झींडा द्वारा एकतरफा तबादले करने पर रोक लगाई थी और प्रत्येक गुरुद्वारे का मासिक हिसाब हर सदस्य को देने के आदेश जारी किए थे, लेकिन झींडा ने इन आदेशों की अवहेलना की। उल्टा ज्यूडिशियल कमिशन ने झींडा को फंडों के उपयोग की गैरकानूनी अनुमति दे दी, जिससे कमिशन की झींडा के साथ मिलीभगत साफ नजर आती है।उन्होंने सरकार से अपील की कि इन दोनों कमिश्नरों को तुरंत बदलकर न्यायप्रिय और निष्पक्ष कमिश्नरों की नियुक्ति की जाए। जत्थेदार दादूवाल जी सहित सभी पदाधिकारियों और सदस्यों ने एक स्वर में कहा कि झींडा तुरंत गुरुद्वारा फंडों का दुरुपयोग बंद करे, अन्यथा यह राशि झींडा और उसका गलत साथ देने वाले कर्मचारियों को अपनी जेब से भरनी पड़ेगी ।
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