रूस में फँसे भारतीय युवाओं की सुरक्षित वापसी की मांग को लेकर विदेश राज्य मंत्री से मिले सांसद दीपेन्द्र हुड्डा
• सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने विदेश राज्य मंत्री को पत्र के साथ रूस में फंसे भारतीय युवाओं की सूची भी सौंपी
• विदेश राज्य मंत्री ने सभी की सुरक्षित वापसी का हर संभव प्रयास करने का आश्वासन दिया – दीपेन्द्र हुड्डा
• विदेश गए अनेक युवा या तो बंधक बने या कई महीनों से परिवार से कोई संपर्क नहीं हो रहा – दीपेन्द्र हुड्डा
चंडीगढ़, 18 दिसंबर। सांसद दीपेन्द्र हुड्डा आज रूस में फंसे भारतीय युवाओं की सुरक्षित वतन वापसी की मांग को लेकर केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह से मिले और उन्हें जबरन रूसी सेना में शामिल किए गए भारतीय छात्रों की सुरक्षित वतन वापसी के गंभीर मुद्दे से अवगत कराते हुए रूस में फंसे भारतीय युवाओं की सूची और पत्र भी दिया। उन्होंने इस संबंध में विदेश मंत्रालय से मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए तत्काल हस्तक्षेप करने और रूसी सरकार से उच्च स्तर पर बातचीत कर सभी भारतीय नागरिकों की तत्काल वतन वापसी सुनिश्चित कराने की मांग की। विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने सभी की सुरक्षित वापसी का हर संभव प्रयास करने का आश्वासन दिया।
सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने विदेश राज्य मंत्री को बताया कि छात्र वीज़ा पर पढ़ाई के लिए रूस गए कई युवाओं को बहला-फुसलाकर कथित रूप से रूसी सेना में भर्ती कर दिया गया और यूक्रेन सीमा के पास युद्धक्षेत्र में भेज दिया। चिंता की बात यह है कि इनमें से अनेक छात्रों के लापता होने की खबर है। जिससे परिवारजन बेहद पीड़ा, भय और मानसिक तनाव में हैं।
दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि यह मामला भारत सरकार की विदेश नीति, कूटनीतिक प्रभाव और नागरिकों की सुरक्षा से सीधे जुड़ा है। सरकार का दायित्व है कि वह अपने नागरिकों को विपरीत परिस्थितियों में असहाय न छोड़े। दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि अनेक युवा तो ऐसे भी हैं जिन्हें या तो विदेशों में बंधक बना लिया गया है या एजेंटों ने धोखे से उन्हें विदेशी सेना में भर्ती करवाकर रूस-यूक्रेन में झोंक दिया है। अनेक युवा ऐसे भी हैं जिनका परिवार को कुछ अता-पता ही नहीं लग रहा है। कई महीनों से इन युवकों का परिवार से संपर्क नहीं हो पाया रहा है। उनकी चिंता में परेशान परिवार के लोग राज्य सरकार से लेकर केंद्र सरकार तक गुहार लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले को शीर्ष प्राथमिकता पर लिया जाए और कूटनीतिक माध्यमों के ज़रिये तत्काल सभी प्रभावित भारतीय नागरिकों, विशेषकर अमन और अन्य फँसे छात्रों की सुरक्षित एवं शीघ्र वापसी सुनिश्चित की जाए।
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