चंडीगढ़ : समाजसेवा, उद्योग और टीम बिल्डिंग के अनोखे तरीकों के लिए पहचाने जाने वाले धुरंधर समाजसेवी व एंटरप्रेन्योर एम.के. भाटिया एक बार फिर चर्चा में हैं। गत दिवस एम.के. भाटिया अपनी करीब 100युवाओं की टीम के साथ फिल्म ‘धुरंधर’ देखने सिनेमा हॉल पहुँचे। यह महज़ एक फिल्म देखना नहीं था, बल्कि इसके पीछे एक गहरा और प्रेरणादायक संदेश छिपा था।
दरअसल, एम.के. भाटिया ने इस माध्यम से अपनी टीम को यह मोटिवेशनल संदेश देने का प्रयास किया कि जीवन के हर कार्य, हर फील्ड और हर क्षेत्र में धुरंधर बनकर आगे बढ़ना ही सफलता की कुंजी है। उन्होंने युवाओं को समझाया कि चुनौतियों से घबराने के बजाय उन्हें अवसर में बदलना चाहिए और अपने काम में उत्कृष्टता हासिल करनी चाहिए।
टीम के सदस्यों के अनुसार, फिल्म के बाद हुई बातचीत में भाटिया ने कहा कि आज का युवा अगर लक्ष्य के प्रति स्पष्ट, मेहनती और सकारात्मक सोच वाला हो, तो कोई भी मुकाम दूर नहीं। उन्होंने टीमवर्क, अनुशासन और निरंतर सीखने पर विशेष ज़ोर दिया।
एम.के. भाटिया का यह कदम न केवल उनकी टीम के लिए प्रेरणास्रोत बना, बल्कि यह भी दर्शाता है कि वह पारंपरिक तरीकों से हटकर युवाओं को मोटिवेट करने में विश्वास रखते हैं। यही वजह है कि लोग आज यह कहने पर मजबूर हैं—आख़िर यह धुरंधर समाजसेवी व एंटरप्रेन्योर एम.के. भाटिया करके ही मानेगा।
Comments
Post a Comment