पराली समस्या पर बड़ा समाधान: ट्राइडेंट ने किसानों संग मिलकर 2,000 एकड़ से अधिक कृषि भूमि पर रोकी पराली जलाने की परंपरा
बरनाला (पंजाब), 23 नवंबर 2025: पर्यावरण संरक्षण और ग्रामीण विकास की दिशा में अपने निरंतर संकल्प को आगे बढ़ाते हुए, भारत के अग्रणी वैश्विक टेक्सटाइल समूह ट्राइडेंट ग्रुप ने पराली जलाने के खिलाफ अपने प्रमुख सी.एस.आर कार्यक्रम “पराली समाधान” के माध्यम से एक बार फिर नेतृत्व की मिसाल पेश की है। इस पहल के अंतर्गत बरनाला और आसपास के गांवों में लगभग 2,000 एकड़ क्षेत्र में किसानों को मुफ्त मशीनरी, तकनीकी मार्गदर्शन और सहायता उपलब्ध कराई जा रही है, जिससे धान की पराली को वैज्ञानिक और जिम्मेदार तरीके से प्रबंधित किया जा सके।
ट्राइडेंट ग्रुप के समर्पित सी.एस.आर विंग “ट्राइडेंट फाउंडेशन” के माध्यम से संचालित यह पहल उत्तर भारत की सबसे गंभीर पर्यावरणीय समस्याओं में से एक, खेतों में खुले में पराली जलाने, का प्रभावी समाधान प्रस्तुत करती है। वैज्ञानिक तौर पर पराली के प्रबंधन और उपयोग को बढ़ावा देकर यह पहल न केवल पर्यावरण संरक्षण बल्कि कृषि नवाचार की दिशा में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रही है।
पिछले कुछ वर्षों में पराली समाधान पहल के माध्यम से क्षेत्र में धुएं और स्मॉग की समस्या में उल्लेखनीय कमी दर्ज की गई है। इस प्रयास ने किसानों में जागरूकता बढ़ाई है और उन्हें दीर्घकालिक पर्यावरणीय लाभों को समझने के लिए प्रेरित किया है। यह पहल भारत के राष्ट्रीय मिशन, पराली जलाने की रोकथाम, के अनुरूप है और देश के जलवायु परिवर्तन संबंधी वैश्विक संकल्पों को भी मजबूत करती है। साथ ही यह पहल संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी): जलवायु संरक्षण (एसडीजी -13), स्वास्थ्य एवं कल्याण (एसडीजी -3), जिम्मेदार उपभोग और उत्पादन (एसडीजी -12) और स्थलीय जीवन संरक्षण (एसडीजी -15) जैसे लक्ष्यों को समर्थन देती है।
क्षेत्र में पिछले वर्षों में पराली जलाने की घटनाओं में लगातार गिरावट दर्ज की गई है, जो सामुदायिक भागीदारी, नीतिगत समर्थन और कॉर्पोरेट योगदान के सफल सम्मिलित प्रयास का परिणाम है।
ट्राइडेंट की पराली समाधान पहल केवल एक सी.एस.आर गतिविधि नहीं बल्कि किसानों के साथ एक दूरदर्शी साझेदारी है जिसका उद्देश्य स्वच्छ वातावरण, स्वस्थ समाज और टिकाऊ कृषि को साकार करना है। इसके माध्यम से ट्राइडेंट ग्रामीण समुदायों को जलवायु-संवेदनशील खेती अपनाने के लिए प्रेरित कर रहा है और पराली को प्रदूषण से उत्पादन की दिशा में रूपांतरित कर रहा है।
पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ ट्राइडेंट फाउंडेशन शिक्षा, स्वास्थ्य, कौशल विकास और सामुदायिक कल्याण जैसे क्षेत्रों में भी पंजाब एवं मध्यप्रदेश में महत्त्वपूर्ण सामाजिक योगदान दे रहा है।

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