पंजाब ने जी.सी.सी. और सी.आई.एस. राजदूतों के साथ गोलमेज़ बैठकों द्वारा वैश्विक साझेदारी के ताने-बाने किए मजबूत

राजदूतों ने राज्य की सक्रिय पहल की सराहना की, निवेश, व्यापार और क्षेत्रीय सहयोग पर हुई विस्तृत चर्चा

चंडीगढ़/नई दिल्ली, 27 नवंबर 2025:

6वें प्रोग्रेसिव पंजाब इन्वेस्टर्स समिट (पी पी आई एस )–2026 से पहले की अंतरराष्ट्रीय पहल के तहत पंजाब सरकार ने आज नई दिल्ली में खाड़ी सहयोग परिषद (जी सी सी) देशों और स्वतंत्र राज्यों के राष्ट्रमंडल (सी आई एस) क्षेत्र के राजदूतों के साथ दो गोलमेज़ बैठकें आयोजित कीं।
इन बैठकों की अध्यक्षता उद्योग एवं वाणिज्य, निवेश प्रोत्साहन, बिजली तथा प्रवासी भारतीय मामलों के मंत्री  संजीव अरोड़ा ने की। इन बैठकों में विभिन्न देशों के राजदूतों, वरिष्ठ कूटनीतिक प्रतिनिधियों, विदेश मंत्रालय (एम ई ए ) के अधिकारियों तथा पंजाब सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। दोनों बैठकें श्री के.के. यादव, आई ए एस, प्रशासकीय सचिव, निवेश प्रोत्साहन विभाग के स्वागत भाषण से प्रारंभ हुईं। इसके बाद “एडवांटेज पंजाब” प्रस्तुति दी गई, जिसमें राज्य के सशक्त औद्योगिक वातावरण, निवेश-तैयार बुनियादी ढांचे, नीतिगत सुधारों तथा कृषि, कृषि-तकनीक, फूड प्रोसेसिंग, आईटी, स्वास्थ्य सेवाओं और विनिर्माण में उभरते अवसरों का विस्तृत विवरण दिया गया।

जी सी सी गोलमेज़ बैठक में कुवैत, ओमान, कतर और बहरीन के राजदूतों ने भाग लिया, जो पंजाब के साथ आर्थिक संबंध मजबूत करने के लिए जी सी सी ब्लॉक की सामूहिक प्रतिबद्धता को दर्शाता है। राजदूतों ने पंजाब की प्रस्तुति की सराहना की और कहा कि विश्वस्तरीय बंदरगाहों, मजबूत लॉजिस्टिक्स प्रणालियों तथा अफ्रीका, यूरोप और अमेरिका के साथ व्यापक वैश्विक संपर्क के कारण जी सी सी क्षेत्र पंजाब और भारत के लिए एक प्रमुख निर्यात द्वार बन सकता है। उन्होंने पंजाब की विनिर्माण क्षमता, कुशल मानव संसाधन, उद्यमशीलता और जी सी सी की आर्थिक विविधता के बीच मजबूती से जुड़ने वाली समानताओं का उल्लेख किया।

सी आई एस गोलमेज़ बैठक में कज़ाकिस्तान, रूस, आर्मेनिया और बेलारूस के राजदूतों ने हिस्सा लिया। इन देशों ने पंजाब के साथ दीर्घकालिक साझेदारी को मजबूत करने में गहरी रुचि दिखाई।
कज़ाकिस्तान के राजदूत ने शिक्षा, पर्यटन और संस्कृति, तथा व्यापार और निर्यात को सहयोग के तीन प्रमुख स्तंभ बताते हुए पंजाब की मजबूत अकादमिक संस्थाओं, आधुनिक कृषि पद्धतियों और समृद्ध पर्यटन संभावनाओं की प्रशंसा की।

रूसी संघ के राजदूत ने पंजाब के साथ कृषि व्यापार—विशेषकर चावल और टमाटर उत्पादों—को बढ़ाने की विशाल संभावनाओं पर जोर दिया। उन्होंने रेलवे, पेट्रो-केमिकल, फिनटेक, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, एयरोस्पेस, बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं में सहयोग की संभावनाएं भी उजागर कीं। उन्होंने भारत-रूस राष्ट्रीय स्तर सहयोग मंच में पंजाब की भागीदारी का स्वागत किया।

आर्मेनिया के राजदूत ने सी आई एस देशों तक पंजाब की सक्रिय पहुंच की प्रशंसा की और कृषि-तकनीक, डेयरी, आईटी सेवाओं तथा नवीकरणीय ऊर्जा में साझेदारी की इच्छा जताई। उन्होंने पर्यटन प्रबंधन, कौशल विकास, लोगों के बीच संपर्क, वार्षिक सांस्कृतिक त्योहारों तथा विश्वविद्यालय-स्तरीय सहयोग की महत्ता पर भी बल दिया।

बेलारूस के राजदूत ने पंजाब सरकार को सी आई एस क्षेत्र के साथ सीधे सहयोग की पहल शुरू करने के लिए बधाई दी और कृषि शिक्षा तथा कृषि मशीनरी निर्माण में बेलारूस की विशेषज्ञता का उल्लेख किया। उन्होंने पंजाब के उद्योग जगत और सरकार को जून 2026 में होने वाली बेलारूस की वार्षिक कृषि प्रदर्शनी में भाग लेने का निमंत्रण दिया, जो बी 2बी मीटिंग और प्रौद्योगिकी सहयोग के लिए उपयुक्त मंच है।

अपने संबोधन में मंत्री संजीव अरोड़ा ने पंजाब के प्रगतिशील सुधारों—जैसे बिजनेस राइट्स एक्ट और उन्नत फास्ट-ट्रैक पंजाब सिंगल-विंडो सिस्टम—पर प्रकाश डाला, जो आज भारत का सबसे आधुनिक डिजिटल निवेश प्लेटफॉर्म है। उन्होंने जी सी सी और सी आई एस देशों के प्रतिनिधियों को पंजाब को विनिर्माण और सेवाओं के लिए पहली पसंद बनाने तथा इन्वेस्ट पंजाब के माध्यम से क्षेत्र-विशेष सहयोग को आगे बढ़ाने का आह्वान किया।

चर्चा के दौरान कैबिनेट मंत्री संजीव अरोड़ा ने जी सी सी और सी आई एस देशों के राजदूतों तथा व्यापारिक प्रतिनिधियों को प्रोग्रेसिव पंजाब इन्वेस्टर्स समिट 2026 में शामिल होने और कृषि, कृषि-तकनीक, डेयरी, आईटी सेवाएं, शिक्षा, पर्यटन, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं तथा बुनियादी ढांचा क्षेत्रों में निवेश अवसरों का लाभ उठाने के लिए औपचारिक निमंत्रण दिया।

इसके साथ ही कैबिनेट मंत्री ने सभी देशों के प्रतिनिधियों को पंजाब के सांस्कृतिक और राष्ट्रीय महत्व वाले स्थलों का दौरा करने के लिए भी आमंत्रित किया तथा यह भरोसा दिलाया कि पंजाब सरकार निवेश-अनुकूल नीतियां, समयबद्ध अनुमतियाँ और वैश्विक स्तर का प्रतिस्पर्धी व्यावसायिक वातावरण प्रदान करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

विदेश मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने भी बैठकों में भाग लिया और पंजाब की लक्ष्यित तथा क्षेत्र-केंद्रित अंतरराष्ट्रीय पहल रणनीति की सराहना की। उन्होंने भारत की व्यापक आर्थिक कूटनीति में पंजाब के महत्त्वपूर्ण योगदान को रेखांकित किया।

जी सी सी और सी आई एस के सभी राजदूतों ने पहली बार इस स्वरूप में आयोजित पंजाब के अंतरराष्ट्रीय आउटरीच की प्रशंसा करते हुए मुख्यमंत्री स भगवंत मान का आभार व्यक्त किया तथा व्यापारिक प्रतिनिधिमंडलों को सुगमता प्रदान करने, क्षेत्रीय साझेदारी को मजबूत करने और व्यापार एवं सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिए सहयोग देने पर सहमति जताई।

इन गोलमेज़ बैठकों का समापन इस सहमति के साथ हुआ कि दोनों पक्ष मार्च 2026 में होने वाले प्रोग्रेसिव पंजाब इन्वेस्टर्स समिट में जी सी सी और सी आई एस की प्रभावी भागीदारी सुनिश्चित करने हेतु निकट सहयोग बनाए रखेंगे और तैयारियों को और तेज़ करेंगे।

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