ऊना में कांग्रेस गुटों के बीच खूनी गैंगवार, युवा नेता की गोली मारकर हत्या
शिमला: भाजपा प्रदेश वरिष्ठ प्रवक्ता त्रिलोक कपूर ने कहा कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में हिमाचल प्रदेश की कानून-व्यवस्था बद से बदतर होती जा रही है। प्रदेश में गन कल्चर और गैंगवार की घटनाएँ बढ़ रही हैं, जो हिमाचल की शांत छवि को धूमिल कर रही हैं। ऊना में कांग्रेस गुटों के बीच हुआ ताज़ा हत्याकांड इसका सबसे बड़ा प्रमाण है। कपूर ने कहा कि ऊना में युवाकांग्रेस नेता आशु पुरी की जिस तरह ताबड़तोड़ गोलियां मारकर हत्या की गई, वह किसी फिल्मी दृश्य जैसा नहीं बल्कि हिमाचल की बदलती कड़वी हकीकत है। यह घटना कांग्रेस सरकार की नाकामी, घटती कानून व्यवस्था और राजनीतिक गुटबाजी की भयावह तस्वीर पेश करती है।
होटल में जन्मदिन की पार्टी से शुरू हुआ विवाद, बाहर गोलियों की गूंज : रात करीब 12 बजे ऊना के लाल सिंघी क्षेत्र स्थित रायजादा होटल की पार्किंग में दो कांग्रेस गुटों के बीच कहासुनी बढ़ते-बढ़ते हिंसा में बदल गई। थोड़ी देर पहले तक जहां लोग बर्थडे सेलिब्रेशन में हंसी-खुशी में मशगूल थे, कुछ ही मिनटों में वही जगह चीख-पुकार, गोलियों की आवाज़ और खून से भर गई। एफआईआर के अनुसार, विवाद के बाद दोनों गुट पार्किंग में पहुंचे, जहां पूर्व युवा कांग्रेस नेता गुरजीत मान के इशारे पर आरोपी परमिंदर सिंह ने आशु पुरी के सिर में पहली गोली मारी। आशु गिरने के बाद भी गोलियां लगातार चलाई जाती रहीं। यह घटना साफ दर्शाती है कि यह एक सोची-समझी साजिश और टारगेटेड मर्डर था, न कि अचानक हुआ झगड़ा।
दोनों गुट कांग्रेस से जुड़े, वारदात कांग्रेस नेता के होटल में
त्रिलोक कपूर ने हैरानी जताई कि यह पूरी वारदात कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक सतपाल रायजादा के होटल में हुई। हत्यारे और पीड़ित—दोनों पक्ष कांग्रेस से जुड़े हुए हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि जब कांग्रेस नेताओं के होटल में ही गोलियां चल रही हैं तो आम नागरिक कितना सुरक्षित है?
गैंगस्टर कल्चर और राजनीतिक टकराव का बढ़ता खतरा
कपूर ने कहा कि ऊना में यह पहली घटना नहीं है। इससे पहले हुए गग्गी हत्याकांड के बाद से क्षेत्र में गैंगस्टर कल्चर और राजनीतिक रंजिशों का दौर तेज होता जा रहा है। यह घटनाएँ संकेत देती हैं कि हिमाचल में राजनीतिक समूहों के बीच हथियार उठाने की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है।
पुलिस कार्रवाई और सरकार पर सवाल
पुलिस ने गुरजीत मान, पिंदु और परमिंदर पर हत्या व आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। लेकिन त्रिलोक कपूर ने कहा कि अक्सर हिमाचल में “मामला दर्ज” होना और “न्याय मिलना” दो अलग-अलग बातें साबित होती हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार इस तरह की घटनाओं को रोकने में पूरी तरह विफल रही है।
हिमाचल की पहचान पर खतरा
कपूर ने कहा कि यह सिर्फ एक युवक की हत्या नहीं है, यह हिमाचल की उस पहचान पर हमला है जो शांति, सद्भाव और देवभूमि के रूप में जानी जाती थी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के राज में हिमाचल की यह छवि बुरी तरह धूमिल हो रही है।

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