पूरा पंजाब पूछ रहा है — “भगवंत मान जी, मनरेगा का पैसा कहाँ गया?”


– मनरेगा का पैसा कहाँ गायब? केंद्र की ग्रांटों पर मान सरकार घिरी

– ₹6,000 करोड़ की मनरेगा मदद — मजदूरों को काम क्यों नहीं?

चंडीगढ़, 28 नवंबर
आम आदमी पार्टी की सरकार ने पंजाब में सिर्फ़ झूठ, प्रचार और दिखावे की राजनीति खड़ी की है, जबकि ज़मीनी हकीकत पूरी तरह अलग है। मनरेगा (MGNREGA) के तहत केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार ने पिछले सालों में पंजाब को ₹6,000 करोड़ से अधिक की राशि दी और इस वित्तीय वर्ष में ही ₹842 करोड़ जारी किए। इतनी बड़ी मदद के बावजूद मज़दूरों को काम नहीं मिल रहा। यह साफ़ सवाल है कि यह पैसा आखिर गया कहाँ? यही प्रश्न आज पंजाब भाजपा के कार्यकारी प्रधान अश्वनी शर्मा ने मुख्यमंत्री भगवंत मान से पूछा।

प्रधानमंत्री आवास योजना में भी आम आदमी पार्टी की नाकामी उजागर हो गई है। केंद्र सरकार ने एक लाख से अधिक घरों को मंज़ूरी दी थी, लेकिन राज्य सरकार सिर्फ़ 76,000 ही आगे भेज सकी, जबकि 24,000 घरों की फाइलें बिना कारण अटकी रहीं। बाढ़-प्रभावित लोगों की मदद के लिए मोदी सरकार ने 36,000 घरों को मंज़ूरी दी, लेकिन मान सरकार सिर्फ़ 30,000 घरों तक ही मंज़ूरी दे पाई। बाकी 6,000 घर अभी भी फाइलों में ही पड़े हैं।

किसानी क्षेत्र में भी केंद्र द्वारा की गई मदद का लाभ ज़मीन तक नहीं पहुँच रहा। ₹74 करोड़ की मुफ्त गेहूं बीज सहायता, 12,500 क्विंटल बरसीम बीज और ₹3,000 करोड़ की पूंजी निवेश सहायता के बावजूद सड़कों की हालत बद से बदतर है। विकास के नाम पर मान सरकार ने केवल बहाने और झूठे दावे किए हैं।

आज पूरा पंजाब यही पूछ रहा है— “भगवंत मान जी, मनरेगा का पैसा कहाँ गया?”

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