भिवानी, 06 अक्टूबर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘गर्व से कहो यह स्वदेशी है’ के संकल्प और उनके आह्वान ‘हर घर स्वदेशी, घर-घर स्वदेशी’ की भावना को आगे बढ़ाते हुए, खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी), राज्य कार्यालय अंबाला ने सोमवार को झुंपा खुर्द, जिला भिवानी के पंचायत कार्यालय में ‘खादी महोत्सव-2025’ का आयोजन किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केवीआईसी अध्यक्ष श्री मनोज कुमार थे। इस कार्यक्रम का उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को रोजगार से जोड़ना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना था। इसके तहत ग्रामोद्योग विकास योजना के अंतर्गत प्रशिक्षित महिला लाभार्थियों को उन खादी संस्थानों से जोड़ा गया, जहां उत्पादन की सुविधाएं सीमित हैं। केवीआईसी की इस पहल से महिलाओं को घर बैठे काम और स्थायी आमदनी के अवसर मिलेंगे।
केवीआईसी अध्यक्ष मनोज कुमार ने इस अवसर पर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण के अनुरूप स्वदेशी उत्पादों के उत्पादन और प्रचार-प्रसार के लिए आयोग नई-नई पहल कर रहा है। ये पहल भी उसी का हिस्सा है। इसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली प्रशिक्षित महिलाओं को खादी संस्थानों से जोड़ना है, ताकि उन्हें घर के पास ही काम और स्थायी आय का अवसर मिल सके। इसके साथ ही, यह पहल स्थानीय स्तर पर उत्पादन क्षमता बढ़ाने और ‘वोकल फॉर लोकल’ के संदेश को आगे बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
सेवा उद्योग श्रेणी के अंतर्गत केवीआईसी ने इस परियोजना के लिए कुल 32.26 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की है। इसमें 7.73 रुपये लाख की राशि 120 महिलाओं के प्रशिक्षण पर और 24.53 लाख रुपये की राशि 120 सिलाई मशीनों की व्यवस्था पर खर्च की गई। इस योजना में झुंपा खुर्द, झुंपा कलां, चाहर कलां, देवसर नकिपुर और सिवानी ग्राम शामिल हैं। उन्होंने आगे बताया कि प्रशिक्षण पूरा करने के बाद, 3 अक्टूबर 2025 को रोहतक में आयोजित ‘खादी कारीगर महोत्सव’ के दौरान देश के गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने इन प्रशिक्षित महिलाओं को सिलाई मशीनें प्रदान कीं थी। अध्यक्ष केवीआईसी ने इन महिला लाभार्थियों का सम्मान किया और ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और खादी से जुड़कर अपनी आजीविका सुरक्षित करने के लिए प्रेरित किया।
इस अवसर पर अध्यक्ष केवीआईसी श्री मनोज कुमार की व्यक्तिगत पहल पर 120 प्रशिक्षित महिला कारीगरों को क्षेत्रीय हरियाणा खादी मंडल, भिवानी; हिसार खादी आश्रम, मोती बाजार, हिसार; ग्रामीण सेवा मंडल (धाया), हिसार और भिवानी के झुंपा खुर्द की एक स्थानीय खादी संस्थान से जोड़ने की पहल की गई ताकि खादी परिधान निर्माण और सतत रोजगार सृजन को गति मिल सके। इस सहयोग से प्रशिक्षित महिलाओं को खादी वस्त्र निर्माण के माध्यम से नियमित आय का अवसर मिलेगा, वहीं स्थानीय खादी संस्थानों की उत्पादन क्षमता और आर्थिक स्थिरता भी मजबूत होगी। कार्यक्रम के दौरान, हिसार के ग्रामीण सेवा मंडल (धाया) ने 1,000 खादी के कपड़े से बने बैग का कार्य आदेश दिया, जिससे नए प्रशिक्षित लाभार्थियों को अत्यधिक खुशी हुई।
माननीय अध्यक्ष ने ग्रामीण उद्योग क्षेत्र में महिला उद्यमियों के अवसर बढ़ाने के लिए नए GVY वर्टिकल्स जैसे- चावल पीसने और मसाला बनाने के कार्यों को शुरू करने की योजना पर भी चर्चा की। सभा को संबोधित करते हुए, श्री मनोज कुमार जी ने कहा कि खादी महोत्सव आर्थिक आत्मनिर्भरता, सामाजिक सशक्तिकरण और सांस्कृतिक पुनरुत्थान की दिशा में एक आंदोलन है। उन्होंने हाल ही में ग्रामीण बैंकों के विलय के कारण कुछ लाभार्थियों को मिलने वाले छात्रवृत्ति भुगतान में आई देरी की जानकारी भी ली और KVIC अधिकारियों को इसे हल करने का निर्देश दिया, ताकि कोई भी कारीगर पीछे न रह जाए।
अध्यक्ष, केवीआईसी ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में किया गया जीएसटी सुधार खादी जगत के लिए ऐतिहासिक कदम है। अब खादी उत्पादों पर जीएसटी शून्य कर दिया गया है, जिससे खादी कारीगरों और उद्यमों को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा। इस निर्णय से खादी के उत्पादन, बिक्री और लोकप्रियता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी तथा देशभर में खादी के प्रति जागरूकता और रुचि बढ़ेगी।
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से खादी और ग्रामोद्योग ने गांव-गांव तक ‘कारीगर क्रांति’ की नई अलख जगाई है। वित्त वर्ष 2024-25 में खादी और ग्रामोद्योग का कुल उत्पादन 1,16,599 करोड़ रुपये तथा बिक्री 1,70,551 करोड़ रुपये रही है, जिससे लगभग 2 करोड़ लोगों को रोजगार मिला है।” उन्होंने यह भी बताया कि “पिछले 11 वर्षों में खादी और ग्रामोद्योग क्षेत्र में उत्पादन 4 गुना, बिक्री 5 गुना और रोजगार 49 प्रतिशत तक बढ़ा है। यह अभूतपूर्व प्रगति प्रधानमंत्री के नेतृत्व में हुए आर्थिक और सामाजिक बदलाव का उदाहरण है।”
कार्यक्रम में हरियाणा सरकार और केवीआईसी के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।
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