हेल्पिंग हैपलेस संस्था की पहल बेसहारा मां कर सकी विदेश में जान गंवाने वाले अमनदीप के पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन

लुधियाना / समराला : गांव मंजाली खुर्द (समराला तहसील) के रहने वाले युवक अमनदीप सिंह, जो कि आर्मेनिया के पास नूर्गी क्षेत्र में एक बकरी फार्म में काम करता था, उसकी 15 सितम्बर 2025 को ज़हरीली गैस से दम घुटने के कारण मृत्यु हो गई। परिवार इस सदमे से टूट गया था, लेकिन आर्थिक व प्रशासनिक मजबूरियों के चलते मां अपने बेटे के अंतिम दर्शन तक नहीं कर पा रही थी। ऐसे में "हेल्पिंग हैपलेस" नामक समाजसेवी संस्था की प्रमुख बीबा अमनजोत कौर रामूवालिया ने हस्तक्षेप किया और परिवार की सहायता के लिए कदम उठाया।

उन्होंने: भारत सरकार के मंत्री कार्यालय से संपर्क किया, आर्मेनिया में भारतीय दूतावास से लगातार बातचीत की, क़ानूनी प्रक्रिया को तेज़ करवाया,और अंततः अमनदीप का पार्थिव शरीर भारत पहुंचा सकने में सफलता प्राप्त की।

इस दौरान अमनजोत कौर ने सरकार पर सवाल उठाए कि अगर पंजाब में रोजगार के उचित अवसर होते, तो युवा विदेशों में खतरनाक काम करने क्यों जाते?

उन्होंने कहा:“जो बेटा मां-बाप ने दूध-मक्खन खिला कर पाल-पोस कर बड़ा किया, वो रोजगार की तलाश में विदेश गया और अब उसका मृत शरीर लौटा। सरकार सिर्फ वादे करती है, ज़मीनी सच्चाई कुछ और है।” परिवार व गांववाले, जिनमें पिता हरपाल सिंह, सरपंच जसविंदर सिंह, अलवेल सिंह, बाबा लाडी मंजालिया, कश्मीरा सिंह आदि शामिल थे — सबने संस्था का आभार जताया। 

 

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