राज्यपाल प्रो. अशीम कुमार घोष ने अपनी धर्मपत्नी सहित गुरुग्राम में दुर्गा पूजा कार्यक्रम में की शिरकत
दुर्गा पूजा भारतीय संस्कृति और सभ्यता की निरंतरता का प्रतीक - राज्यपाल
चण्डीगढ़, 1 अक्तूबर -- हरियाणा के राज्यपाल प्रो. अशीम कुमार घोष ने कहा कि दुर्गा पूजा केवल मातृ पूजा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और सभ्यता की निरंतरता का जीवंत प्रतीक है। उन्होंने कहा कि इस उत्सव के माध्यम से हम न केवल देवी की आराधना करते हैं, बल्कि अपनी सांस्कृतिक पहचान को भी जीवित रखते हैं।
राज्यपाल आज गुरुग्राम में सहस्रब्धि दुर्गा पूजा समिति द्वारा आयोजित 26वें वार्षिक दुर्गा पूजा कार्यक्रम में उपस्थितजन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने अपनी धर्मपत्नी श्रीमती मित्रा घोष के साथ कार्यक्रम में भाग लिया और प्रदेशवासियों को दुर्गा पूजा की शुभकामनाएं दीं।
प्रोफेसर घोष ने कहा कि दुर्गा पूजा केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक अस्मिता और सामुदायिक एकता का प्रतीक है। यह उत्सव हजारों वर्षों से पीढ़ी-दर-पीढ़ी मनाया जा रहा है और हर वर्ष समाज को एक सूत्र में पिरोने का कार्य करता है। उन्होंने कहा कि हमारे देश ने समय-समय पर अच्छे और बुरे दोनों दौर देखे हैं। हर दौर में यह हमारी संस्कृति एवं धार्मिक मान्यताएं ही थी, जिन्होंने हमें जोड़े रखा। उन्होंने कहा कि समाज में मौजूद विभिन्न चुनौतियों से पार पाने में हमारी सांस्कृतिक परंपराएँ ही हमें शक्ति देती हैं।
राज्यपाल ने कहा कि दुर्गा पूजा ऐसा पर्व है, जिसमें अमीर-गरीब, बड़े-छोटे सभी वर्ग समान रूप से भाग लेते हैं। यह आयोजन केवल सामाजिक समरसता का प्रतीक नहीं, बल्कि समाज को एकजुट करने वाला अवसर है। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस सांस्कृतिक विरासत की रक्षा करना हम सबका साझा दायित्व है।
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